परिश्रमी चींटी की कहानी | हिंदी कहानी | Moral Stories in Hindi | Hindi Kahaniya
चीटियों का गुण है – परिश्रम करना । जाड़ा हो या गरमी था फिर बरसात, निरंता काम करती रहती हैं। आइए, जानें कि वे ऐसा क्यों करती हैं।
गरमी का मौसम था। तेज़ धूप के कारण भयंकर गरमी पड़ रही थी। दोपहर के समय सभी अपने-अपने घरों में आराम कर रहे थे। ऐसे समय में भी चींटियाँ आराम नहीं कर रही थीं। वे खाने की सामग्री अपने घर में इकट्ठा करने में व्यस्त थीं। शायद वे भविष्य के लिए संग्रह कर रही थीं।
वहीं पर एक टिड्डा भी आराम से लेटा हुआ था और गाना गा रहा था। उसने चींटियों को देखा तो हँसने लगा और कहा, “अरे । लालची चींटियो! क्यों इस गरमी में जान दे रही हो? थोड़ा सुस्ता लो।। तुम सब कितनी लालची हो! मुझे देखो, मैं कितने आराम से मज़े ले रहा हूँ।“
रानी चींटी बोली, “टिड्डे भाई! हम लोग बरसात के दिनों के लिए खाने सामान इकट्ठा कर रहे हैं। तुम्हें भी भविष्य के लिए कुछ इकट्ठा कर लेना चाहिए।
टिड्डा ज़ोर से हँसा और बोला, “कल की कल देखी जाएगी। अभी से , मरूँ?” उसे चींटियों की बात समझ में नहीं आई।
गरमी के बाद बरसात का मौसम भी आ गया। आकाश में मेघ घिर आए। देखते-ही-देखते पानी बरसने लगा। धरती पर पानी-ही-पानी दिखाई पड़ने लगा ऐसे समय में चींटियाँ ज़मीन के अंदर चली गईं। उनके पास तो खाने का काफ़ी सामान था। वे आराम से समय बिताने लगीं। इधर, टिड्डे के लिए भोजन जुटाना मुश्किल हो गया। वह भूखों मरने लगा। उसे चींटियों की याद आई।
टिड्डा चींटियों के पास पहुँचा और बोला, “चींटी बहन! कृपा कर मुझे भी खाने के लिए कुछ दे दो। मैं बहुत भूखा हूँ।”
रानी चींटी ने जवाब दिया, “गरमी के दिनों में तो तुम आराम कर रहे थे। तुम जैसे आलसी को तो मैं एक दाना भी नहीं दे सकती।“
अब टिड्डे को समझ में आ गया कि आज की बचत ही कल काम आती है। उसने मन-ही-मन परिश्रम करने को ठान लिया।
The Story Of The Hard-working Ant | Moral Stories
The quality of ants is hard work. Whether it was winter or summer, then it rains, Niranta keeps working. Let us know why they do this.
It was summer. There was fierce heat due to strong sunlight. At noon, all were resting in their respective homes. Even at such a time the ants were not resting. They were busy collecting food items in their house. Perhaps she was collecting for the future.
At the same time, a grasshopper was also lying down comfortably and singing. When he saw the ants, he started laughing and said, “Hey. Greedy ants! Why are you dying in this heat? Take a breather. You are so greedy! Look at me, how much fun I am having. “
Queen Ant said, “Locust brother! We are collecting food items for the rainy days. You should also collect something for the future.
The grasshopper laughed out loud and said, “Tomorrow will be seen tomorrow.” From now on, die? ” He did not understand about ants.
After the summer, the rainy season also came. The clouds clouded the sky. Seeing it, it started raining water. Water began to appear on the earth, at which time the ants went inside the ground. They had plenty of food. She started spending time in comfort. Here, the locust found it difficult to raise food. He started starving. He remembered ants.
The grasshopper approached the ants and said, “Ant sister! Please give me something to eat too. I am very hungry.”
The queen ant replied, “You were resting during the hot days. I can’t even give a grain to a lazy like you. “
Now the grasshoppers understood that today’s savings only work tomorrow. He decided to work hard.
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