Thursday, July 25, 2024
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साफ़-सफाई | हिंदी कहानी | Moral Stories in Hindi | Hindi Kahaniya

साफ़-सफाई | हिंदी  कहानी  | Moral Stories in Hindi | Hindi Kahaniya

 
बच्चों की आदतें और सफाई के प्रति उनकी लापरवाही, स्वास्थ्य संबंधी परेशानियाँ पैदा कर सकती हैं। शरीर की सफाई, विशेषकर दाँतों की सफाई ज़रूरी है। तो चलिए अपनी कहानी का आरम्भ करते है ।

एक लड़का था जिसका नाम राजू था । वह अपनी माँ से बहुत प्यार करता था । एक दिन जब वह पाठशाला से लौटकर घर आया तो माँ को देखते ही उसने अपनी माँ में बताया कि उसके दाँत में बहुत दर्द हो रहा है।” 
 
अरे! इधर आओ, मैं देखू तो ज़रा।माँ ने पुचकारते हुए कहा।
 
राजू ने माँ को अपने दाँत दिखाए। दाँत देखते ही माँ बोल पड़ीं, “तुम्हारे दाँत तो बहुत गंदे हो रहे हैं। तुम न तो माँ का कहना मानते हो, न ही दाँतों को ठीक से साफ़ करते हो।
 
माँ राजू को लेकर डॉक्टर के पास गईं। डॉक्टर ने राजू के दाँत देखे। उन्होंने बताया कि इसके दाँत में कीड़े लग रहे हैं।
 
डॉक्टर ने दाँतों की सफाई कर दी। फिर राजू को समझाते हुए कहा, “बेटा! तुम दाँतों की सफ़ाई ठीक से नहीं करते हो। शायद चॉकलेट, टॉफ़ी भी खूब खाते हो इसलिए तुम्हारे दाँतों की यह दशा हो गई है। तुम्हें दाँतों की सफ़ाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
 
Hindi Kahaniya :  हिंदी कहानियां – साफ़-सफाई
 
राजू ने पूछा, “डॉक्टर अंकल! मुझे क्या करना चाहिए?” 
 
डॉक्टर ने बतायाहर रोज दिन में दो बार मंजन करना चाहिए । दातों को मजबूत रखने के लिए दाँतों का मैल दूर करना बहुत आवश्यक है । ऐसा न करने से दाँतों में कीड़े लग जाते हैं। उनमें दर्द भी होने लगता है। 
 
राजू माँ के साथ घर लौटा तो उसने अपनी माँ से कहा अब मैं दाँतों की ठीक से देखभाल करूँगा।” 
 
माँ ने कहामाँ ने कहा, बेटा तेम्हें दाँतों की सफाई के साथ साथ रोज नहाना और अच्छे साफ़ कपड़े पहनने चाहिए। बालों में कंघी और नाखूनों को समय समय पर कटवाते रहना चाहिए । इन बातों का ध्यान रखोगे तो बीमार नहीं पड़ोगे।” 
 
राजू बोला, “ठीक है माँ! अब मैं इन सभी बातों का हमेशा ध्यान रखुंगा।


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